मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना 2025

बिहार सरकार ने महिलाओं के सशक्तिकरण और रोजगार को बढ़ावा देने के लिए बिहार में महिलाओं के लिए योजनाएं शुरू की हैं। इनमें सबसे प्रमुख है मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना 2025, जिसके तहत हर परिवार की एक महिला को ₹10,000 की प्रारंभिक वित्तीय सहायता सीधे बैंक खाते में दी जाएगी। यह राशि महिलाओं को रोजगार और स्वरोजगार शुरू करने के लिए प्रोत्साहित करेगी। आगे चलकर प्रगति के आधार पर महिलाओं को ₹2 लाख तक की अतिरिक्त सहायता भी मिल सकती है।

इसके अलावा राज्य सरकार ने बिहार की मूल निवासी महिलाओं को सरकारी नौकरियों में 35% आरक्षण देने का निर्णय लिया है, जिससे अधिक से अधिक महिलाएं सरकारी सेवाओं में शामिल हो सकें। महिलाओं की सुरक्षा और यात्रा सुविधा के लिए पिंक बस सेवा (Nari Shakti Vahan) की शुरुआत की गई है, जिसमें 80 से अधिक नई बसें चलाई गई हैं।

महिला साक्षरता बढ़ाने के लिए विशेष अभियान चलाकर लाखों महिलाओं को शिक्षित किया जा रहा है। साथ ही, जीविका निधि और स्व-सहायता समूह (SHG) को वित्तीय सहयोग दिया जा रहा है ताकि महिलाएं छोटे-छोटे व्यवसाय कर आत्मनिर्भर बन सकें।

इन योजनाओं का मुख्य उद्देश्य है महिलाओं को सामाजिक, शैक्षिक और आर्थिक रूप से मजबूत बनाना, ताकि वे रोजगार और विकास की मुख्यधारा से जुड़ सकें।

मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना 2025

  • बिहार सरकार ने महिला रोजगार योजना 2025 शुरू की।
  • राज्य की महिलाओं को ₹10,000 की आर्थिक सहायता मिलेगी।
  • राशि सीधे महिलाओं के बैंक खाते में ट्रांसफर होगी।
  • योजना का लाभ खासकर उन महिलाओं को मिलेगा जो रोजगार शुरू करना चाहती हैं
  • योजना को बिहार सरकार की मंत्रिपरिषद बैठक में मंजूरी मिली।
  • सितंबर 2025 से महिलाओं के खातों में राशि भेजी जाएगी।
  • उद्देश्य: महिलाओं को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाना

महिलाओं के लिए चल रही प्रमुख सरकारी योजनाओं

महिलाओं के लिए प्रमुख योजनाएं (2025 तक)

प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना (PMMVY) 2025

प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना भारत सरकार की एक केंद्रीय योजना है, जिसका उद्देश्य गर्भवती और धात्री (दूध पिलाने वाली) महिलाओं को आर्थिक सहयोग देना है। इस योजना के तहत पहली बार गर्भवती होने वाली महिला को कुल ₹5,000 की राशि किस्तों में दी जाती है। यह राशि महिला के बैंक खाते में सीधे ट्रांसफर की जाती है। यह सरकारी योजना का उद्देश्य महिलाओं को पोषण, स्वास्थ्य जांच और प्रसव पूर्व देखभाल के लिए प्रोत्साहित करना है।

इससे मातृ एवं शिशु मृत्यु दर कम होती है और महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान आर्थिक सहारा मिलता है।

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना (BBBP) भारत सरकार ने 22 जनवरी 2015 को हरियाणा के पानीपत से बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना की शुरुआत की। इस योजना का मुख्य उद्देश्य कन्या भ्रूण हत्या रोकना, घटते लिंगानुपात में सुधार करना और बालिकाओं को शिक्षा के लिए प्रोत्साहित करना है। यह सरकारी योजना महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, स्वास्थ्य मंत्रालय और शिक्षा मंत्रालय के संयुक्त प्रयास से चलाई जा रही है। इसके तहत देशभर में जागरूकता अभियान, छात्रवृत्ति और शिक्षा संसाधन उपलब्ध कराए जाते हैं। इस सरकारी योजनाने बेटियों के महत्व को बढ़ाया है और समाज में बेटियों को सम्मान, सुरक्षा और शिक्षा का अधिकार दिलाने में अहम भूमिका निभाई है।

प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (PMUY)प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना की शुरुआत 1 मई 2016 को भारत सरकार द्वारा की गई थी। इस योजना का उद्देश्य गरीब परिवारों, विशेषकर महिलाओं को स्वच्छ ईंधन उपलब्ध कराना है। सरकारी योजना के तहत बीपीएल परिवारों की महिलाओं को मुफ्त एलपीजी गैस कनेक्शन प्रदान किया जाता है, ताकि वे धुएं से मुक्त होकर सुरक्षित और स्वस्थ जीवन जी सकें। इससे महिलाओं का स्वास्थ्य सुधरता है और रसोई का वातावरण स्वच्छ बनता है। साथ ही, यह योजना पर्यावरण संरक्षण में भी मदद करती है। प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना ने ग्रामीण और गरीब परिवारों की महिलाओं को बड़ी राहत दी है।

महिला ई-हाट (Mahila E-Haat)महिला ई-हाट की शुरुआत 7 मार्च 2016 को महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा की गई। यह एक ऑनलाइन मार्केटप्लेस है, जहां महिलाएं अपने उत्पाद और सेवाएं सीधे ग्राहकों को बेच सकती हैं। इस प्लेटफॉर्म का उद्देश्य महिलाओं और स्व-सहायता समूहों (SHG) को बाजार से जोड़ना और उनके व्यवसाय को बढ़ावा देना है। महिला ई-हाट पर हस्तशिल्प, कपड़े, आभूषण, गृह सज्जा सामग्री, खाद्य पदार्थ और कई अन्य उत्पाद उपलब्ध कराए जाते हैं। इससे महिलाओं को बिना किसी बिचौलिये के सीधे आय का अवसर मिलता है। यह योजना महिलाओं को आर्थिक स्वतंत्रता और आत्मनिर्भरता की दिशा में मजबूत बनाती है।

स्टैंड अप इंडिया योजना (Stand Up India Yojana) स्टैंड अप इंडिया योजना की शुरुआत 5 अप्रैल 2016 को भारत सरकार ने की। इस योजना का उद्देश्य महिला उद्यमियों और अनुसूचित जाति/जनजाति के लोगों को स्वरोजगार के लिए प्रोत्साहित करना है। इसके तहत पात्र लाभार्थियों को ₹10 लाख से ₹1 करोड़ तक का बैंक ऋण उपलब्ध कराया जाता है, ताकि वे नया व्यवसाय शुरू कर सकें। स्टैंड अप इंडिया योजना (Stand Up India Yojana का मकसद महिलाओं को व्यवसायिक क्षेत्र में अवसर देना और उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है। इससे रोजगार के नए साधन बढ़ते हैं और महिलाएं समाज और अर्थव्यवस्था में सक्रिय योगदान कर पाती हैं। यह योजना महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

महिला शक्ति केंद्र योजना (Mahila Shakti Kendra Yojana)
महिला शक्ति केंद्र योजना की शुरुआत भारत सरकार ने महिलाओं को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से की है। यह योजना विशेष रूप से ग्रामीण महिलाओं के लिए है, ताकि वे शिक्षा, स्वास्थ्य, कौशल विकास और रोजगार के अवसरों से जुड़ सकें। इस योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में महिला शक्ति केंद्र स्थापित किए जाते हैं, जहां महिलाओं को प्रशिक्षण, जागरूकता और सरकारी योजनाओं की जानकारी दी जाती है। इसका उद्देश्य महिलाओं की सामाजिक और आर्थिक स्थिति को मजबूत करना है। यह पहल महिलाओं को अपने अधिकारों के प्रति सजग बनाती है और नए रोजगार अवसरों के द्वार खोलती है।

सुकन्या समृद्धि योजना (Sukanya Samriddhi Yojana – SSY)
सुकन्या समृद्धि योजना की शुरुआत भारत सरकार ने बेटियों के भविष्य को सुरक्षित करने के उद्देश्य से 22 जनवरी 2015 को की। यह एक छोटी बचत योजना है जो केवल बालिकाओं के लिए है। इसके तहत माता-पिता या अभिभावक बेटी के नाम पर खाता खोल सकते हैं और हर साल न्यूनतम ₹250 से अधिकतम ₹1.5 लाख तक जमा कर सकते हैं। इस पर आकर्षक ब्याज दर और आयकर छूट (धारा 80C के तहत) मिलती है। जमा राशि बेटी की शिक्षा और विवाह में उपयोग की जा सकती है। यह योजना बेटियों को आर्थिक सुरक्षा और आत्मनिर्भर भविष्य प्रदान करती है।

बिहार राज्य की खास योजनाएं

बिहार सरकार ने महिलाओं को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने के लिए कई विशेष योजनाएं लागू की हैं। इन योजनाओं का उद्देश्य महिलाओं को शिक्षा, रोजगार, सुरक्षा और आर्थिक मजबूती प्रदान करना है। आइए विस्तार से जानते हैं:

मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना 2025
इस योजना के तहत राज्य की महिलाओं को स्वरोजगार शुरू करने के लिए ₹10,000 की वित्तीय सहायता सीधे बैंक खाते में दी जाती है। आगे चलकर महिलाओं के व्यवसाय के विस्तार के लिए ₹2 लाख तक की अतिरिक्त मदद भी दी जा सकती है। यह योजना महिलाओं को आर्थिक रूप से स्वतंत्र बनाने में अहम है।

सरकारी नौकरियों में 35% आरक्षण
बिहार की मूल निवासी महिलाओं को सरकारी नौकरियों में 35% आरक्षण का लाभ मिलेगा। इसका उद्देश्य प्रशासन और सरकारी सेवाओं में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाना है।

पिंक बस सेवा (Nari Shakti Vahan)
महिलाओं की सुरक्षित और सुविधाजनक यात्रा सुनिश्चित करने के लिए पिंक बस सेवा शुरू की गई है। इन बसों में सुरक्षा कैमरे और ई-टिकटिंग जैसी आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध हैं।

महिला साक्षरता अभियान
बिहार सरकार ने लाखों महिलाओं को साक्षर बनाने का लक्ष्य रखा है। शिक्षा से महिलाएं आत्मनिर्भर बनेंगी और रोजगार के अधिक अवसर प्राप्त कर पाएंगी।

जीविका योजना और SHG सहायता
महिला स्व-सहायता समूहों (SHG) को छोटे व्यवसाय और स्वरोजगार शुरू करने के लिए आर्थिक सहायता और प्रशिक्षण दिया जाता है। यह योजना ग्रामीण महिलाओं को वित्तीय मजबूती प्रदान करती है।


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